भारत सरकार ने छोटे व्यापारियों, कारीगरों और उद्यमियों के लाभ के लिए विभिन्न योजनाएँ शुरू की हैं। इनमें से एक महत्वपूर्ण योजना ई-कॉमर्स पोर्टल्स में सदस्यता के लिए सब्सक्रिप्शन शुल्क की पुनःपूर्ति है। इस योजना का उद्देश्य छोटे और मध्यम आकार के उद्यमों के उत्पादों और सेवाओं को ऑनलाइन प्लेटफार्मों पर विपणन में सहायता करना है। इसके बाद, व्यापारियों को सरकार द्वारा सब्सक्रिप्शन शुल्क वापस किया जाता है ताकि वे अपने उत्पादों को सरकारी प्रायोजित प्रमुख ई-कॉमर्स पोर्टलों पर प्रदर्शित कर सकें और अपनी बिक्री बढ़ा सकें।
Contents
- 0.1 योजना का उद्देश्य:
- 0.2 योजना के लाभ:
- 0.3 योग्यता:
- 0.4 योजना के तहत पात्र ई-कॉमर्स पोर्टल्स तेज़ी से आगे बढ़ने के लिए तय:
- 0.5 प्रक्रिया:
- 0.6 Related posts:
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योजना का उद्देश्य:
सरकारी योजना का प्राथमिक उद्देश्य छोटे व्यवसायों को ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों पर अपने उत्पादों का विपणन करने में मदद करना है। इसके माध्यम से, सरकार व्यापारियों द्वारा ई-कॉमर्स पोर्टल्स में सूचीबद्ध होने के लिए चुकाए गए सब्सक्रिप्शन शुल्क को पुनःपूर्ति करती है। यह व्यापारियों को ऑनलाइन विपणन में मदद करने और उनके उत्पादों को एक बहुत बड़े बाज़ार में उपलब्ध कराने के लिए किया जाता है।
योजना के लाभ:
- ई-कॉमर्स पोर्टल उपयोगकर्ता के अनुकूल है क्योंकि छोटे Entrepreneurs और कारीगरों के लिए अपने उत्पादों को सूचीबद्ध और प्रचारित करना आसान होगा क्योंकि उन्हें सदस्यता शुल्क का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होगी।
- यह रणनीति व्यापारियों को अपने उत्पादों को पूरे देश में बेचने का अवसर प्रदान करती है जिस से उनकी बिक्री आय बढ़ सकती है क्योंकि वे स्थानीय बाजार से आगे बढ़कर राष्ट्रीय और यहां तक कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी जा सकते हैं।
- व्यापारी उन फंडों की बचत करेंगे जो वे ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म पर सूचीबद्ध होने के लिए भुगतान करते, जिससे उनके लिए ऑनलाइन व्यवसाय शुरू करना आसान हो जाएगा।
- इस योजना के माध्यम से, छोटे व्यवसायों को सरकार से समर्थन मिलता है जो उन्हें डिजिटल दुनिया में कदम रखने और अधिक प्रतिस्पर्धी बनने में मदद करता है।
योग्यता:
इस योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ पूर्व आवश्यकताएँ हैं जो नीचे बताई गई हैं:
- व्यापार का आकार: यह योजना सूक्ष्म और छोटे मध्यम उद्यमों (MSMEs) और कारीगरों के लिए उपलब्ध होगी।
- भारत में पंजीकरण: केवल वही व्यापारी इस योजना का लाभ उठाएंगे जिनका व्यापार भारत में पंजीकृत है।
- ई-कॉमर्स पोर्टलों पर सूचीबद्धता: व्यापारी को अपने उत्पादों को सरकारी सहायता प्राप्त ई-कॉमर्स पोर्टलों पर सूचीबद्ध करना होगा।
- सामान्य कर पंजीकरण: व्यापारियों को सामान्य कर भुगतान और व्यवसाय पंजीकरण प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
योजना के तहत पात्र ई-कॉमर्स पोर्टल्स तेज़ी से आगे बढ़ने के लिए तय:
- Amazon
- Flipkart
- IndiaMart
- ShopClues
- Snapdeal
- GeM (₹ सरकारी ई-मार्केटप्लेस)
जिनमें से कई प्रमुख ई-कॉमर्स पोर्टलों को इस योजना के तहत ही प्रमोट किया गया है। राष्ट्रीय स्तर पर ई कॉमर्स से जुड़ी गतिविधियाँ करने वाले छोटे-बड़े व्यापारियों के लिए इन प्लेटफार्मों पर लिस्टिंग करने के लिए कन्र्यूल फीज़ (जिसे नॉन-परफोर्मिंग कॉन्ट्रैक्ट शुल्क कहा जाता है) नहीं देना होगा। एया सरकार इस शुल्क का भुगतान करेगी।
प्रक्रिया:
- पंजीकरण करने की प्रक्रिया: व्यापारी सबसे पहले सरकार द्वारा प्रबंधित ईकोमार्स पोर्टल पर कार्यविधि के अनुसार पंजीकरण करते हैं।
- सदस्यता शुल्क पेमेंट: कार्यविधि के अंतर्गत, व्यापारी पंजीकरण के बाद, कुल सदस्यता शुल्क का एक हिस्सा अदा करने की आवश्यकता होती है, जिसे बाद में सरकार द्वारा भुगतान किया जाएगा।
- सदस्यता शुल्क रिफंड: रजिस्ट्रार द्वारा, व्यापारी को सदस्यता शुल्क की वापसी सरकारी औपचारिकता के अनुसार की जाएगी।
- प्रॉडक्ट लिस्टिंग ईकोमार्स पोर्टल: व्यापारी पोर्टल पर प्रॉडक्ट लिस्ट करके बेचना शुरू कर सकते हैं।
सरकार द्वारा प्रमोटेड प्रणालियों का सरल उद्देश्य छोटे और मध्यम आकार के व्यवसायों के लिए डिजिटल कार्यशीलताओं का पूर्ण फायदा उठाने का अवसर प्रदान करना है। यह उनकी व्यापार वृद्धि में सहायक सिद्ध हो सकता है तथा वैश्विक प्रतिस्पर्धा में शुरुआती हिस्सा बनने का अवसर प्रदान करता है। योजनामूलक रूप से सदस्यता शुल्क की वापसी से व्यापारी सुरक्षित रहते हैं, ताकि वे अपने प्रॉडक्ट सार्वजनिक पोर्टलों पर ग्राहकों के लिए उपलब्ध करा सकें। ऐसे प्रणालियाँ देश के आर्थिक विकास में अविश्वसनीय रूप से मदद करती हैं और एक सच्चे छोटे व्यापारी के लिए चाँद बनाती हैं महामारी प्रचार उद्देश्यों से।