भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने हाल ही में ऑनलाइन खुदरा Giants अमेज़न और फ्लिपकार्ट को पकड़ा है। बीआईएस के अधिकारियों ने इन ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों पर बेचे गए उत्पादों का सत्यापन किया, जो बिना सभी आवश्यक भारतीय मानक (आईएसआई) प्रमाणन के बेचे जा रहे थे। इसका उद्देश्य उपभोक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना और भारत के मानकों के अनुपालन में सुधार करना था।
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बीआईएस द्वारा कार्रवाई का कारण BIS raids Amazon Flipkart
बीआईएस भारतीय सरकार के सबसे महत्वपूर्ण निकायों में से एक है, जो उत्पादों के गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों के निर्माण और सत्यापन के लिए जिम्मेदार है। बीआईएस अधिकारियों के मुताबिक, अमेज़न और फ्लिपकार्ट पर बेचे गए कई उत्पादों में भारतीय मानक (आईएसआई) प्रमाणन नहीं था। वास्तव में, इन उत्पादों को भारतीय बाजार में बिक्री के लिए न्यूनतम मानक आवश्यकताओं को पूरा करना अनिवार्य है। इस रिजर्व सर्च का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि विषयगत बाजार में उत्पाद आवश्यक सुरक्षा मानक को पूरा करते हैं और उपभोक्ताओं को कोई खतरा नहीं होता।
BIS ने यह पहले इनपनामु प्रकरणों में अलग आरोपों के तहत यह भी आरोप लगाया है कि इन प्लेटफार्मों पर इलेक्ट्रोनिक उपकरण, घरेलू वस्तुएं और कुछ रासायनिक वस्तुएं बगैर परीक्षा एवं प्रमाणन के बिक्री हेतु प्रस्तुत किये गये। BIS के अनुसार, इन उत्पादों का भारतीय मानक के अधीन परीक्षण एवं प्रमाणन नहीं किया गया था, जिससे उपभोक्ता भंडार के दुघर्टनाओ से विघटित होने का संभावित आशंका निर्मित होती है। उदाहरणार्थ, बगैर विद्युत सुरक्षा साधन होने से कुछ इलेक्ट्रानिक चूरूओं में अग्नि लगेने तथा जनरेटर से विद्यूत झटके लगने की अत्यधिक संभवना थी।
इस छापे के दौरान क्या क्या सामने आया?
BIS के अन्य अधिकारियों ने सेपूषंद कार्यरत दोखानदार एवं लॉजिस्टिक कंपनियों के गोदामों तथा स्टोर चेन पर चेक करने निकले थे। इसके अलावा, बिना स्थंड पर प्रमाणन के कुछ सामानों की चर्चा इन यूनिटों मार्कट में प्रमाणन पुराने स्टॉक के प्रमाण दिये। जानकारी प्राप्त करने हेतु संबंधी विक्रेता इन्हीं प्लेटफार्मों के अधीन काम कर रहे थे तथा तथा आवश्यक वस्तुएं हाथ लगाई गई। अंत में BIS ने प्रमाणित करने हेतु साधारनिक उपकरणों के विक्रेताओं की चायवन कर दी।
एमेज़न और फ्लिपकार्ट का जवाब BIS raids Amazon Flipkart
Amazon and Flipkart, एमेज़न और फ्लिपकार्ट ने BIS द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब दिया है। दोनों कंपनियों ने कहा कि वे ग्राहकों की सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हैं और वे BIS द्वारा दी गई दिशानिर्देशों का पालन करने के लिए तैयार हैं। दोनों कंपनियों ने यह भी कहा कि वे अपने प्लेटफार्मों पर विक्रेताओं के लिए आवश्यकताओं को और मजबूत करेंगे ताकि केवल प्रामाणिक और सुरक्षित उत्पाद बेचे जाएं।
एमेज़न ने अपनी टिप्पणी में कहा, ‘हम BIS और अन्य सरकारी संगठनों के साथ काम करने के लिए तैयार हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हम अपने प्लेटफार्मों पर केवल ऐसे उत्पाद बेचें जो मानकों और सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करते हैं। हम सुनिश्चित करने के लिए हर दिन काम कर रहे हैं कि हमारे प्लेटफार्म पर बिक्री प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और सुरक्षित हो। हमारा प्लेटफॉर्म लगातार यह सुनिश्चित करने के लिए काम करेगा कि केवल सत्यापित विक्रेता सुरक्षित उत्पादों के साथ बिक्री कर सकें।
फ्लिपकार्ट ने भी एक बयान दिया, ‘हमारे प्लेटफार्म पर बेचे जाने वाले उत्पादों को सबसे उच्च गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों को पूरा करना आवश्यक है। हम इस जांच को बहुत गंभीरता से ले रहे हैं और यह सुनिश्चित करने के लिए सब कुछ करेंगे कि जो उत्पाद आवश्यक मानकों को पूरा नहीं करते उन्हें हमारे प्लेटफार्म से हटा दिया जाए।’
उपभोक्ताओं के लिए इसका क्या मतलब है?
इसका प्रत्यक्ष प्रभाव उपभोक्ताओं पर है। अगर सरकार और बीआईएस इन प्लेटफार्मों के माध्यम से बेचे जा रहे उत्पादों पर सख्ती से कार्यवाही करते हैं, तो उपभोक्ताओं को उच्चतम गुणवत्ता वाले उत्पाद मिलने की बहुत अधिक संभावना है। यह सुनिश्चित करेगा कि बाजार में बेचे जा रहे सभी उत्पाद भारतीय सुरक्षा मानकों के अनुरूप हैं और उपभोक्ताओं के लिए कोई खतरा नहीं हैं।
पहले भी भारतीय सरकार ने सर्टिफाइड उत्पादों को बेचने के लिए ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों के खिलाफ कार्रवाई की है। इन मामलों में उपभोक्ताओं को अक्सर निम्न गुणवत्ता के उत्पाद प्रदान किए जाते हैं, जो उनके स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए हानिकारक साबित हो सकते हैं। यह उस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स द्वारा अमेज़न और फ्लिपकार्ट पर की गई छापेमारी को नोटिस के रूप में काम करना चाहिए कि ब्यूरो उपभोक्ता संरक्षण को लेकर गंभीर है और यह सुनिश्चित करना चाहता है कि ऑनलाइन प्लेटफार्मों के माध्यम से बेचे जाने वाले उत्पादों ने गुणवत्ता और सुरक्षा के आवश्यक मानकों को पूरा किया है। हालांकि, ऐसी कार्रवाई ई-कॉमर्स व्यवसायों और विक्रेताओं के लिए चेतावनी पैदा करती है कि उन्हें अपने उत्पादों के मानकों और प्रमाणन की पुष्टि करनी होगी।