उषा किरण योजना मध्य प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई प्रमुख योजनाओं में से एक है। यह वर्ष 2007 में शुरू हुई। इस योजना का उद्देश्य घरेलू हिंसा के शिकार व्यक्तियों और 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को कानूनी, वित्तीय और मनोवैज्ञानिक सहायता प्रदान करना है।
Contents
- 0.1 योजना के उद्देश्य:
- 0.2 प्रदान की जाने वाली सेवाएं
- 0.3 सहायता प्राप्त करने के तरीके
- 0.4 आवश्यक दस्तावेज
- 0.5 अन्य किसी भी घरेलू हिंसा का शिकार होने पर।
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योजना के उद्देश्य:
यह योजना महिलाओं और बच्चों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बनाई गई है, जो घरेलू हिंसा का शिकार हैं – चाहे वह शारीरिक, मनोवैज्ञानिक, यौन, भावनात्मक, आर्थिक हिंसा हो या स्वतंत्रता पर हिंसा। हिंसा निजी हो सकती है, घर के भीतर या सार्वजनिक। योजना का उद्देश्य शिकारियों को सुरक्षा, न्याय और पुनर्वास प्रदान करना है।
प्रदान की जाने वाली सेवाएं
- अस्थायी आश्रय: सभी पीड़ितों को अस्थायी आश्रय प्रदान किया जाता है ताकि वे एक सुरक्षित वातावरण में रह सकें।
- कानूनी सहायता: उनकी अधिकारों की सुरक्षा के लिए मुफ्त कानूनी परामर्श और प्रतिनिधित्व प्रदान किया जाता है।
- चिकित्सा सेवाएं: आवश्यकतानुसार चिकित्सा देखभाल और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाती हैं।
- पुलिस सहायता: संकट की स्थिति में सुरक्षा के लिए तत्काल पुलिस सहायता उपलब्ध है।
- 24×7 टोल-फ्री हेल्पलाइन (1090): महिलाएं या बच्चे किसी भी समय तत्काल सहायता के लिए संपर्क कर सकते हैं।
- आर्थिक सहायता और पुनर्वास: आत्मनिर्भर बनने के लिए उन्हें प्रशिक्षित किया जाता है तथा आर्थिक सहायता और पुनर्वास सेवाएं दी जाती हैं।
सहायता प्राप्त करने के तरीके
यदि किसी महिला या बच्चे के साथ घरेलू हिंसा हो रही है, तो वह इन साधनों से मदद ले सकता है:
- संरक्षण अधिकारी: अपने क्षेत्र के लिए इंटीग्रेटेड चाइल्ड डेवलपमेंट प्रोजेक्ट (ICDS) ऑफिस में निवेदन करें।
- वन स्टॉप सेंटर: जिले में मौजूद केंद्र पर जाकर सभी जरूरी सेवाएं एक जगह पर प्राप्त करें।
- स्थानीय पुलिस थाना: महिलाएं पास के थाने जाकर भी सहायता प्राप्त कर सकती हैं।
आवश्यक दस्तावेज
- दिशा भाषी पासपोर्ट ड्राइवर
- आधार कार्ड
- पीडिता कौन-कौन बन सकती हैं
- हर उम्र की महिलाएँ और 18 साल से कम उम्र के बच्चे।
अन्य किसी भी घरेलू हिंसा का शिकार होने पर।
उषा किरण योजना सिर्फ एक योजना नहीं है बल्कि संवेदनशीलता और सुरक्षा की गारंटी है। मुखर झगड़ों के पीछे छुपी उन महिलाओं और बच्चों के लिए ये उम्मीद की किरण बनती है जो चुपचाप हिंसा सहिन करते हैं। ये पीड़ितों सुरक्षित तो करती ही है, इसके अलावा उन्हें आत्म निर्भर बनने का मौका देती है।
मध्य प्रदेश सरकार की ये योजना चुपचाप सहने वाले लोगों के लिए एक कारगर योजना के रूप में सामने आती है। वास्तविकता में, इसे कार्यीकृत करना काफी सहज है।
यदि आप ऐसे चुप लोगों के सर्कल का हिस्सा है, तो निसंकोच पीछे मुड़कर दूर की सोचें और जरूरत परेशानी का बटन दबाएं। हृदय से मान पहचाने, 1090 पर फोन करें या नज़दीकी सहायता केंद्र पर जाकर सीधे कहें जो आपको पड़ोसी कहता है।