अर्थव्यवस्था के विकास में MSME का योगदान और प्रशिक्षण संस्थानों के लिए सहायता योजना

MSME क्षेत्र का भारत की अर्थव्यवस्था में योगदान महत्वपूर्ण है। ये उद्योग नौकरी सृजन में मदद करते हैं और भारत में कई सामाजिक और आर्थिक परिवर्तनों के लिए एकpillar के रूप में कार्य करते हैं। MSME क्षेत्र में कामकाजी और कर्मचारियों के कौशल enhancement की मांग को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने इस क्षेत्र में “MSME के योगदान को अर्थव्यवस्था में बढ़ाना और MSME के विकास में सहायता करना” जैसी योजनाओं के रूप में पहलों की हैं। इनमें से एक ‘प्रशिक्षण संस्थानों को सहायता’ (जो “ATI” योजना है, Assistance to Training Institutions Scheme) है, जो MSME क्षेत्र में कौशल विकास को संबोधित करती है।

योजना के उद्देश्यों:

इस योजना का उद्देश्य MSME क्षेत्र में कार्यरत कामकाजी और उद्यमियों के कौशल सेट को बढ़ाना है ताकि उन्हें वर्तमान उद्योग मानकों के अनुसार रोजगार के योग्य बनाया जा सके। इसके तहत, चयनित प्रशिक्षण संस्थानों को वित्तीय सहायता दी जाती है ताकि वे MSME कामकाजी को व्यावसायिक और तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान कर सकें। इससे कामकाजी के कौशल के साथ-साथ उत्पादकता में सुधार होगा और MSME क्षेत्र में उत्पादन की क्षमता भी बढ़ेगी, जो अंततः देश की आर्थिक स्थिति में सुधार लाएगी।

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MSME Skill Development Scheme योजना के लाभ:

  • कौशल विकास: यह योजना के अंतर्गत, MSME के कर्मचारियों को विभिन्न उद्योगों में आवश्यक कौशल हासिल करने का अवसर मिलेगा। इससे उनकी स्थिरता में वृद्धि होगी और वे ज्यादा सक्षम बनेंगे।
  • अहम प्रशिक्षक संस्थान: इन संस्थानों को औसत से अधिक प्रशिक्षण क्षमता रखने के लिए सरकारी सहायता मिलती है, जैसे इन संस्थानों को शिक्षण आधुनिक अमेरिका के तरीकों और संसाधनों MSME ट्रेनिंग बदलते आधुनिक दरों की यांत्रिकी बुढ़ापे की जरूरतें मुश्किल होगा।
  • नई विधियों का समावेश: नवोन्वेषण और प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देगी इसके एमएसएमई प्रशिक्षण केंद्र में समस्त प्रतिस्पर्धा विधियों और साधनों की उपलब्धता एमएसएमई प्रशिक्षण केंद्र में उपलब्ध सलाहकार प्रतिष्ठा के साथ-साथ बताते जिनसे प्रशिक्षिकों को प्रगतिहित कौशल सीखने की शिक्षा दे जाने की प्रगति दी जाएगी।
  • रोजगार सृजन: इससे एमएसएमई क्षेत्र में स्वनिर्भर एवं सेवायुक्त ड्राइवर्स बनने से बेरोजगारी की समस्या का एकल प्रयास स्थायी रूप से हल किया जा सकता है। उनके कारण आत्मनिर्भरता का नया चक्र प्रारंभ होगा।

योजना का कार्यान्वयन:

  • प्रशिक्षण संस्थानों का चयन: योजना के तहत, MSME क्षेत्र के लिए उपयुक्त प्रशिक्षण संस्थानों का चयन योग्य प्रशिक्षण संस्थानों में से किया जाता है। इन संस्थानों का केंद्रीय और राज्य स्तर पर पंजीकरण होना चाहिए और प्रशिक्षकों के लिए पर्याप्त संसाधन और बुनियादी ढाँचा होना चाहिए।
  • वित्तीय सहायता: चयनित संस्थानों को योजना से वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, जिसे प्रशिक्षण कार्यक्रमों का संचालन, प्रशिक्षकों की भर्ती और आवश्यक उपकरणों की खरीद के लिए उपयोग किया जाता है।
  • कार्यक्रम की निगरानी और मूल्यांकन: योजना के तहत संचालित प्रशिक्षण कार्यक्रमों की निगरानी और मूल्यांकन किया जाता है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे इच्छित गुणवत्ता मानकों के अनुसार हों। इसे पूरा करने के लिए, सरकार समय-समय पर निगरानी करती है और जब आवश्यक हो, सुधारात्मक परिवर्तन करती है।
  • प्रशिक्षण सामग्री का विकास: विशेष शिक्षण माड्यूल और प्रशिक्षण सामग्री डिजाइन की जाती है, ताकि वे MSMEs की आवश्यकताओं को पूरा करें। इसमें उद्योगों में उपलब्ध नवीनतम तकनीकों और उपकरणों का विवरण दिया गया है।
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Assistance to Training Institutions Scheme योजना के परिणाम:

इस योजना के साथ, MSME क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के कौशल में सुधार होगा, साथ ही उद्योगों की संयुक्त उत्पादकता में वृद्धि होगी। प्रशिक्षित श्रमिक न केवल अपने काम में कुशल होंगे, बल्कि वे नए व्यवसायों की शुरूआत करने में भी सक्षम होंगे, जो नई कंपनियों और उद्योगों के निर्माण की दिशा में अग्रसर करेंगे। इसके अलावा, इससे नई रोजगार संबंधी संभावनाएं पैदा होंगी, जिससे सामाजिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।

“यह सहायता योजना ‘MSMEs का अर्थव्यवस्था में योगदान बढ़ाने और इसकी वृद्धि में सहायता करने’ के लिए है।” यह MSME क्षेत्र के कौशल विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह योजना MSME कार्यस्थलों के लिए एक सुनहरा अवसर है, बल्कि यह देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत और स्थिर बनाने में भी मदद करेगी। सरकार द्वारा किए गए इस प्रयास से MSME क्षेत्र में निश्चित प्रगति होगी, और यह भारत को एक मजबूत और सक्षम अर्थव्यवस्था के रूप में उभरने में मदद करेगा।

 

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