भारत सरकार द्वारा हाल ही में शुरू की गई “जीवनम् स्वरोजगार योजना” (Jeevanam Self-Employment Scheme) अपराधों के शिकार व्यक्तियों के आश्रितों के लिए एक नई उम्मीद है। इस कार्यक्रम का लक्ष्य उन परिवारों को मदद करना है जिनका कोई सदस्य किसी गंभीर अपराध का शिकार हो गया है और उनका मूल आय स्रोत खो गया है।
Contents
- 0.1 योजना का लक्ष्य
- 0.2 मुख्य विशेषताएं वित्तीय सहायता:
- 0.3 पात्रता की शर्तें:
- 0.4 आवेदन प्रक्रिया:
- 0.5 Related posts:
- 1 Uncover the Invisible: Can You Spot the Robber in 5 Seconds?
- 2 Can You Find All the Zeroes Hidden Among Q’s in Just 6 Seconds? Test Your Optical Illusion IQ!
- 3 Only the Sharp-Eyed Can Solve This Optical Illusion: Find the Odd Block!
योजना का लक्ष्य
यह योजना उन आश्रितों को आत्मनिर्भर बनाने में एक महत्वपूर्ण कदम है जो हत्या, सामूहिक बलात्कार, एसिड अटैक, आतंकवादी घटनाएं या अन्य गंभीर अपराधों से अपने प्रियजनों को खो चुके हैं या जिनकी आर्थिक स्थिति अपराध से बुरी तरह प्रभावित हुई है। “जीवनम्” का लक्ष्य इन परिवारों को स्वरोजगार में मदद करना और उन्हें सामाजिक और आर्थिक मुख्यधारा में लाना है।
मुख्य विशेषताएं वित्तीय सहायता:
योजना के अंतर्गत पात्र लाभार्थियों को स्वरोजगार आरंभ करने हेतु वित्तीय सहायता दी जाती है। मदद ऋण या अनुदान के रूप में हो सकती है।
- शिक्षा और सलाह:
सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थानों से लाभार्थी व्यवसाय शुरू करने से पहले प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं। इसमें तकनीकी कौशल, मार्केटिंग, वित्तीय प्रबंधन और उद्यमिता विकास की ट्रेनिंग शामिल है। - व्यवसाय चुनने में मदद:
लाभार्थियों को उनके कौशल और रुचि के आधार पर स्वरोजगार का विकल्प चुनने में सहायता दी जाती है, जैसे टेलरिंग, दुकानदारी, पशुपालन, कंप्यूटर सेंटर, मोबाइल मरम्मत आदि। - महिलाओं और युवा लोगों की पहचान:
योजना में महिलाओं और युवाओं को विशेष प्राथमिकता दी जाती है ताकि वे स्वतंत्र जीवन जी सकें और समाज में सम्मानपूर्वक जी सकें।
पात्रता की शर्तें:
- आवेदक किसी गंभीर अपराध के पीड़ित व्यक्ति का आश्रित हो; उदाहरण के लिए, पति या पत्नी, बेटा या बेटी, माता या पिता हो सकते हैं।
- आवेदक की आर्थिक स्थिति कमजोर हो और अपराध के कारण परिवार का मुख्य कमाने वाला सदस्य मृत्यु या अशक्त हो गया हो।
- आवेदक ने किसी भी समान योजना से लाभ नहीं लिया होना चाहिए और भारतीय नागरिक होना चाहिए।
आवेदन प्रक्रिया:
इस योजना के लिए आवेदन राज्य सरकार की वेबसाइट या जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय के माध्यम से किए जा सकते हैं। आवेदकों को एफआईआर की प्रति, आय प्रमाण पत्र, मृत्यु प्रमाण पत्र आदि के साथ आवेदन करना होगा।
“जीवनम् स्वरोजगार योजना” एक सराहनीय योजना है जो अपराध पीड़ित परिवारों को न केवल आर्थिक सहायता देती है, बल्कि उन्हें आत्मसम्मान के साथ जीवन जीने का अवसर भी देती है। यह योजना प्रदर्शित करती है कि सरकार पीड़ितों और उनके परिवारों के प्रति भावुक है और उन्हें मुख्यधारा में लाने की कोशिश करती है।