महिलाओं के लिए प्रौद्योगिकी विकास एवं उपयोग कार्यक्रम: आत्मनिर्भरता की दिशा में एक सशक्त कदम

भारत में महिलाओं को आर्थिक, सामाजिक और तकनीकी सशक्तिकरण देने के लिए कई योजनाएं चल रही हैं। इनमें से एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है “महिलाओं के लिए प्रौद्योगिकी विकास एवं उपयोग कार्यक्रम”, जो भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) द्वारा संचालित किया जाता है। इस कार्यक्रम का लक्ष्य महिलाओं को तकनीकी रूप से सक्षम बनाना है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें।

कार्यक्रम का मकसद

इस योजना में महिलाओं को प्रशिक्षण, नवाचार और उद्यमिता के अवसर मिलते हैं। इसका प्रमुख लक्ष्य है:

  • महिलाओं को नवीन तकनीक का ज्ञान देना
  • स्वरोजगार और सूक्ष्म उद्यमों को तकनीकी सहायता देना
  • महिलाओं के लिए शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में स्थायी आय के स्रोतों का विकास
  • महिलाओं की खोज और नवाचार की क्षमता को बढ़ाना
  • महिलाओं की आर्थिक और सामाजिक स्थिति को सुधारना

तकनीकी प्रशिक्षण की प्रमुख विशेषताएँ:

महिलाओं को कृषि, हस्तशिल्प, स्वास्थ्य, पोषण, ऊर्जा और सूचना प्रौद्योगिकी सहित कई क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया जाता है जो इस योजना के तहत शामिल हैं। यह प्रशिक्षण स्थानीय आवश्यकताओं को पूरा करता है।

  • उद्यमशीलता का विकास:
    महिलाओं को छोटे स्तर पर अपने व्यवसाय शुरू करने के लिए वित्तीय मार्गदर्शन, मशीनरी और तकनीकी ज्ञान मिलता है। उन्हें विपणन रणनीतियाँ भी सिखाई जाती हैं।
  • नौकरी के अवसर:
    जैव प्रौद्योगिकी, सौर ऊर्जा और पर्यावरणीय प्रबंधन जैसे नवीन क्षेत्रों में काम करने का अवसर इस कार्यक्रम से महिलाओं को मिलता है।
  • नवाचार और खोज:
    विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में महिलाओं के अनुसंधान प्रोजेक्ट्स को प्रोत्साहन देने के लिए धन और तकनीकी सहायता दी जाती है। यह उन्हें नए हल बनाने के लिए प्रेरित करता है।
READ ALSO  Optical Illusions : Only Sharp Eyes Can Spot the Hidden 8 Among 6’s in Just 7 Seconds!

लाभार्थियों की प्रोफाइल

इस योजना का अधिकांश लाभ ग्रामीण, पिछड़ी और वंचित वर्ग की महिलाओं को मिलता है। इसमें शिक्षित और अल्पशिक्षित महिलाएं, स्वयं सहायता समूह, गैर सरकारी संस्थाएं और महिला उद्यमी शामिल हैं। उन्हें इससे न केवल आजीविका के नए साधन मिलते हैं, बल्कि उन्हें आत्मविश्वास और समाज में अपनी जगह मिलती है।

अब तक, इस कार्यक्रम ने देश भर में हजारों महिलाओं को तकनीकी रूप से सशक्त बनाया है। बहुत सी महिलाओं ने खुद का व्यापार शुरू किया है और दूसरी महिलाओं को काम देने की स्थिति में पहुँच चुकी हैं। यह कार्यक्रम महिला सशक्तिकरण में सफल रहा है।

“महिलाओं के लिए प्रौद्योगिकी विकास एवं उपयोग कार्यक्रम” न केवल महिलाओं को तकनीकी रूप से सशक्त बनाता है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा भी देता है। महिला सशक्तिकरण, रोजगार सृजन और देश के समग्र विकास में यह योजना बहुत महत्वपूर्ण है। ताकि अधिक से अधिक महिलाएं इसका लाभ उठा सकें, सरकार और समाज दोनों को मिलकर ऐसे कार्यक्रमों को और अधिक व्यापक रूप से लागू करना चाहिए।

Leave a Comment