भारतीय पारंपरिक हस्तशिल्प कला सदियों पुरानी धरोहर है, जो देश की सांस्कृतिक पहचान और लाखों कारीगरों के लिए आय का स्रोत है। हालाँकि, इन कारीगरों को समय के साथ आधुनिक तकनीकी चुनौतियों और बाजार प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा। यह चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए केरल सरकार ने “टूल किट ग्रांट फॉर ट्रेडिशनल हैंडीक्राफ्ट एक्सपर्ट्स” योजना शुरू की है. इस योजना का उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों को आधुनिक उपकरण और प्रशिक्षण देकर उनके कौशल को सुधारना है।
Contents
- 0.1 योजना का उद्देश्य:
- 0.2 योजना के फायदे:
- 0.3 पात्रता मानदंड:
- 0.4 इस योजना के अंतर्गत आवेदन प्रक्रिया निम्नलिखित है:
- 0.5 संपर्क विवरण
- 0.6
- 0.7 राज्य के पिछड़ा वर्ग विकास विभाग की वेबसाइट पर जाकर अधिक जानकारी और आवेदन पत्र देखें:
- 0.8 Related posts:
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योजना का उद्देश्य:
ओबीसी (पिछड़े वर्ग) समुदायों के पारंपरिक कारीगरों को आधुनिक तकनीकी प्रशिक्षण और उपकरण प्रदान करना है, ताकि वे अपनी उत्पादकता बढ़ाकर वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी बन सकें। निम्नलिखित योजना के मुख्य उद्देश्य हैं:
- पारंपरिक कारीगरों को आधुनिक तकनीक का प्रशिक्षण देना।
- आधुनिक उपकरणों से उन्हें सुसज्जित करना।
- स्वरोजगार के अवसरों को प्रोत्साहित करना
- सामाजिक न्याय कायम करना
योजना के फायदे:
इस योजना से योग्य लाभार्थियों को निम्नलिखित फायदे मिलेंगे:
- वित्तीय मदद: ₹25,000 की राशि, प्रशिक्षण और उपकरण के साथ
- प्रशिक्षण: 3 महीने तक का प्रशिक्षण, जिसमें आधुनिक तकनीकी कौशल सिखाए जाते हैं।
- उपकरण: उद्योग से संबंधित नवीनतम उपकरण उपलब्ध हैं।
- मूल्य: 10 वर्ष से अधिक अनुभव वाले, विकलांग और दो से अधिक बेटियों वाले कलाकारों को प्राथमिकता दी जाती है।
पात्रता मानदंड:
इस योजना का लाभ उठाने के लिए निम्नलिखित आवश्यकताओं को पूरा करना चाहिए:
- आवेदक केरल राज्य का स्थायी निवासी होना आवश्यक है।
- आवेदक राज्य के दलितों से संबंधित होना चाहिए।
- आवेदक को पारंपरिक कला में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहिए।
- आवेदक की पारिवारिक वार्षिक आय ₹1 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए।
- आवेदक 60 वर्ष से छोटा होना चाहिए।
इस योजना के अंतर्गत आवेदन प्रक्रिया निम्नलिखित है:
- आवेदन पत्र डाउनलोड करें: राज्य के पिछड़ा वर्ग विकास विभाग की वेबसाइट से आवेदन पत्र और संबंधित दस्तावेज़ डाउनलोड करें।
- दस्तावेज़ निम्नलिखित है: आवेदन पत्र के साथ जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, अनुभव प्रमाण पत्र, बैंक पासबुक की प्रति और कार्यस्थल की तस्वीर सहित आवश्यक दस्तावेज़ संलग्न करें।
- आवेदन पत्र भेजें: पूर्ण आवेदन पत्रों और दस्तावेज़ों को संबंधित क्षेत्रीय उप निदेशक के कार्यालय में भेजें।
- पहले चुनाव: प्रारंभिक जांच के बाद चयन सूची बनाई जाएगी।
- अंतिम चुनाव: राज्य पिछड़ा वर्ग विकास विभाग अंतिम निर्णय लेगा।
संपर्क विवरण
आवेदन पत्र को निम्नलिखित कार्यालयों में जमा करने के लिए संपर्क करें:
- त्रिविक्रमपुरम से एर्नाकुलम के आवेदक: क्षेत्रीय उप निदेशक, पिछड़ा वर्ग विकास विभाग, सिविल स्टेशन, द्वितीय फ्लोर, कक्कनाड, एर्नाकुलम – 682030 Kerala (BCDD)
- त्रिशूर से कासरगोड तक आवेदकों की सूची: क्षेत्रीय उप निदेशक, पिछड़ा वर्ग विकास विभाग, सिविल स्टेशन, कोझीकोड-673020।
राज्य के पिछड़ा वर्ग विकास विभाग की वेबसाइट पर जाकर अधिक जानकारी और आवेदन पत्र देखें:
यहाँ क्लिक करें: https://bcdd.kerala.gov.in/en/schemes/development-schemes/toolkit-grant/
इस कार्यक्रम के माध्यम से पारंपरिक कारीगरों को आधुनिक उपकरण और प्रशिक्षण प्रदान करके उनके कौशल को उन्नत किया जा रहा है, जिससे उनकी उत्पादकता और आय में वृद्धि हो रही है। योजना न केवल कारीगरों के जीवन स्तर को सुधारेगी, बल्कि भारतीय हस्तशिल्प कला की वैश्विक पहचान भी बढ़ाेगी।